दिनभर आसमान में छाए काले बादल उल्लास के माहौल में आशा पर हावी न हो सके और बाहरवें दिन राजजात वाण पहुंच गई। यहां तकरीबन पचास हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने यात्रा का भव्य स्वागत किया। पारंपरिक वाद्यों की धुन और नंदा के जयकारों की गूंज के बीच दशोली, पैनखंडा, बंड और कपीरी की डोली
via जागरण धर्म समाचार
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