चेपड़्यूं से जैसे-जैसे जात नंदकेसरी की ओर बढ़ती है, नंदा पथ में संस्कृतियों की त्रिवेणी बहने लगती है। समुद्रतल से 1325 मीटर की ऊंचाई पर इस पड़ाव में पिंडर पर बना पुल कुमाऊं व गढ़वाल की जात का मिलन केंद्र भी है। कुरुड़ से चली बधाण की नंदा राजराजेश्वरी की डोली भी यहां राजजात में शामिल होती है। साथ ही कुमाऊं की छ
via जागरण संत-साधक
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