देहरादून, जागरण संवाददाता। नंदकेसरी से फल्दियागांव प्रस्थान करते वक्त राजजात मार्ग के गांव पूर्णासेरा पहुंचती है। यहां भेकलझाड़ी की छंतोली यात्रा का हिस्सा बन जाती है। मान्यता कि जब देवी कैलाश जा रही थी, तब दैत्य से बचने के लिए भागते हुए लहलहाते खेतों में रास्ता बनाकर बालियों के बीच छिप गई। दैत्य के पहचान लेने पर देवी क्रोधित हो गई
via जागरण धार्मिक स्थान
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